तीन माह पहले 25 अप्रैल को 6 बिस्तरों वाले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का लोकार्पण तो कर दिया लेकिन पिछले 4 माह से...
तीन माह पहले 25 अप्रैल को 6 बिस्तरों वाले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का लोकार्पण तो कर दिया लेकिन पिछले 4 माह से फार्मासिस्ट के भरोसे इलाज चल रहा है। चकल्दी में करीब सात हजार की आबादी का तहसील क्षेत्र का यह सबसे बड़ा कस्बा है। इसमें 25 से 30 गांव आते हैं। हर रोज केंद्र पर इलाज कराने 90 से 100 मरीज आ रहे हैं लेकिन डॉक्टर के नहीं होने से यहां पर फार्मासिस्ट ही जांच कर दवा दे रहे हैं।
ग्राम के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टर के पदस्थ नहीं होने के कारण लोगों का इलाज नहीं हो पा रहा है। मजबूरन लोगों को नसरुल्लागंज, रेहटी, होशंगाबाद, हरदा, सीहोर, भोपाल जाना पड़ता है। अस्पताल में पीने के पानी के लिए करोड़ों रुपए की लागत से बने अस्पताल में ट्यूबवेल भी नहीं लगाया जो उसके ठेके में आता है। बिना पानी व्यवस्था के विभाग ने बिल्डिंग कैसे अपने हैंडओवर ले ली, अस्पताल में डिलेवरी के लिए भर्ती महिला मरीजों को पीने का पानी नहीं मिल रहा है। उन्हें करीब 600 मीटर दूर जाकर दूसरे हैंडपंप से पानी लाना पड़ता है।
ग्राम के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टर के पदस्थ नहीं होने के कारण लोगों का इलाज नहीं हो पा रहा है। मजबूरन लोगों को नसरुल्लागंज, रेहटी, होशंगाबाद, हरदा, सीहोर, भोपाल जाना पड़ता है। अस्पताल में पीने के पानी के लिए करोड़ों रुपए की लागत से बने अस्पताल में ट्यूबवेल भी नहीं लगाया जो उसके ठेके में आता है। बिना पानी व्यवस्था के विभाग ने बिल्डिंग कैसे अपने हैंडओवर ले ली, अस्पताल में डिलेवरी के लिए भर्ती महिला मरीजों को पीने का पानी नहीं मिल रहा है। उन्हें करीब 600 मीटर दूर जाकर दूसरे हैंडपंप से पानी लाना पड़ता है।
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